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हरिहरपुर के मिसिर की कुण्डलिया




हरिहरपुर के मिसिर की कुण्डलिया


प्यारा तेरा नाम है, अनुपम तेरा भाव।


दिव्य मनोहर रूप है, शीतल तेरी छाँव।।


शीतल तेरी छाँव, बहत पुरुवाई जमकर।


अंग-अंग में जोश, रहत फड़कत मन सुंदर।।


कहें मिसिर कविराय, तुम्हीं नयनों के तारा।


बन जाओ अब मीत, हृदय से लगना प्यारा।।




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4 Comments

Sachin dev

06-Jan-2023 06:07 PM

Well done

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Gunjan Kamal

05-Jan-2023 08:42 PM

बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति 🙏🏻🙏🏻

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